Attahiyat: अत्तहिय्यात (तशहहुद)

Attahiyat: अत्तहिय्यात (तशहहुद)

नमाज़ में पढ़े जाने वाली तशहुद (अत्तहियात), उसका तर्जुमा, और फ़ज़ीलत हिंदी में।

التَّحِيَّاتُ لِلَّهِ ، وَالصَّلَوَاتُ، وَالطَّيِّبَاتُ ، اَلسّلامُ عَلَيْكَ أَيُّهَا النَّبِيُّ ، وَرَحْمَةُ اللهِ وَبَرَكَاتُهُ السَّلَامُ عَلَيْنَا ، وَ عَلَى عِبَادِ اللَّهِ الصَّالِحِينَ اَشْهَدُ أَنْ لا إِلهَ إِلَّا اللهُ وَ اَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّداً عَبْدُهُ وَرَسُولُهُ .

अत्तहिय्यातु लिल्लाहि वस्सलवातु वत्तय्यिबातु अस्सलामु अल-क अय्युहन-नबिय्यु वरमतुल्लाहि व ब-र-कातुह, अस्सलामु अलैना व अला इबादिल्लाहिस सालिहीन, अश्हदु अल्ला इला-ह-इल्लल्लाहु व अश्हदु अन्न मुहम्मदन अब्दुहू व रसूलुह.


तर्जुमा : ज़बानी, बदनी और माली इबादतें अल्लाह के लिए हैं, ऐ नबी ﷺ आप पर सलाम और अल्लाह की रहमत और उसकी बरकतें हों, हम पर सलाम हो और अल्लाह के नेक बंदों पर । मैं गवाही देता हूँ के अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लाइक नहीं और मैं गवाही देता हूँ के बेशक मुहम्मद ﷺ उसके बंदे और उसके रसूल हैं ।

फजीलत : रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया के जब नमाज़ी यह कलिमात कहता है तो आसमान और ज़मीन के हर नेक बंदे को सलाम पहुँच जाता है ।

📕 सहीह मुस्लिम : किताबुस्सलात (2/28)

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Mohammad Salim

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